आज आँखें हमारी बेवफा हो गये..
ना कुछ जाने ना कुछ समझे ,
पुरानी याद को ताज़ा कर गयी.
जिन लम्हो में हम जिया करते थे,
आज उन्ही पलों ने हूमें मात दे दी.
दिल और दिमाग़ की लड़ाई में ,
आज दिल की जीत हो गयी.
नही जाना था उन ख़यालों में,
कम्बख़्त जान वही रुक गयी..
वो लम्हे वो बातें वो यादें..
भारी महफ़िल में मुझे खामोश कर गयी.
किसको शिकायत करे इस दर्द का..
जिन पर भरोसा था हमें आज वो नीव ही टूट गयी..
दिल से देवल